भारत के आम बजट के कुछ दिलचस्प ज्ञान तथ्य Interesting Knowledge Facts about Indian General Budget in Hindi
आम तौर पर भारत के आम बजट को फरवरी के अंतिम कार्य दिवस पर संसद में प्रस्तुत किया जाता है, लेकिन मौजूदा केन्द्रीय सरकार आम बजट को 1 फरवरी को पेश कर रही है। आइए जानते है बजट से संबंधित कुछ दिलचस्प ज्ञान तथ्यों के बारे में :-
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- संविधान के अनुच्छेद 112 के अंतर्गत संसद में बजट पेश किया जाता है। संसद में रखने के बाद इस पर बहस होती है। 1 अप्रैल को, जो नए वित्त वर्ष का पहला दिन होता है, इसे लागू कर दिया जाता है। भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाला वित्तीय वर्ष सन् 1867 ई. से शुरू हुआ, 1867 से पहले 1 मई को वित्तीय वर्ष शुरू होता था और 30 अप्रैल को वित्तीय वर्ष समाप्त होता था।
- भारत में बजट पेश करने की शुरुआत 7 अप्रैल, सन् 1860 ई. को ईस्ट इंडिया कंपनी ने की थी। फाइनेंस मेंबर जेम्स विल्सन ने पहला बजट पेश किया था। आज़ादी के बाद भारत का पहला आम बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर. के. शणमुखम चेट्टी ने 26 नवम्बर, सन् 1947 ई. को पेश किया था।
- गणतांत्रिक भारत का पहला आम बजट 28 फरवरी, सन् 1950 ई. को पेश किया गया, जिसे देश के द्वितीय वित्त मंत्री जॉन मथाई ने प्रस्तुत किया। इसी बजट में योजना आयोग (Planning Commission) और पंचवर्षीय योजना की नींव रखी गई।
- 1955 - 56 से आम बजट हिन्दी में भी तैयार किया जाने लगा।
- भारत के कई प्रधानमंत्रियों ने भी आम बजट पेश किया है। इसकी शुरुआत देश के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने ही की, जब उन्होंने 1958 - 59 का आम बजट पेश किया। पण्डित नेहरू के अलावा इंदिरा गांधी (1968-1970) और राजीव गांधी (1986-1987) ने भी प्रधानमंत्री के साथ - साथ वित्त मंत्री का अतिरिक्त प्रभार सँभालते हुए बजट पेश किये थे।
- अभी तक सबसे ज्यादा बार बजट पेश करने का सौभाग्य देश के पूर्व वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को प्राप्त हुआ है। उन्होंने 10 बार आम बजट पेश किया जिसमें उन्होंने 8 बजट और 2 अंतरिम बजट पेश किए थे। मोरारजी देसाई ने अपने जन्मदिन यानि 29 फरवरी को साल 1964 और 1968 में भी बजट प्रस्तुत किया था।
- आम बजट भले ही अब सुबह 11 बजे पेश किया जाता है, पर वर्ष 2000 तक इसे शाम पांच बजे संसद के पटल पर रखने की परम्परा थी। वर्ष 2001 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने इस नई परम्परा की नींव डाली।
- 1987 के बजट में ही सबसे पहले कॉर्पोरेट टैक्स (Corporate Tax) (जिसे मैट (MAT - Minimum Alternate Tax) के नाम से भी आज जाना जाता है) का प्रस्ताव रखा गया था, जबकि सर्विस टैक्स (Service Tax) का प्रस्ताव सबसे पहले 1994 में तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने रखा था।
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